सदियों पुरानी डिश है सुओडियू
जालंधर। चीन में आजकल एक डिश स्ट्रीट फ़ूड के नाम पर बहुत लोकप्रिय है। यहां लोग पत्थरों को तड़का लगा कर खा रहे हैं। पत्थर को निगलते नहीं बस चूस कर या चाट कर रख देते हैं। इस फ़ूड को सुओडियू कहते हैं जिसका सामान्य अर्थ है चूसो और नष्ट कर दो। चीन के बहुत से एरिया में यह फ़ूड काफी डिमांड में है।
आप चाहें तो इसको किसी तरी वाली प्लेट में डाल कर इसका आनंद ले सकते हैं। लोग स्वाद के अनुसार इसमें कई तरह के मसाले डलवाते हैं। तीखी मिर्ची वाला या काम मिर्ची वाला। सजाने के लिए हरे पत्तों जैसे धनिए की पत्तियां भी इस्तेमाल की जाती हैं।
रेस्टॉरेंट्स में भी ये डिश मिलती है। यह आप पर है कि आप चाटे हुए पत्थर साथ ले जाना चाहते हो या छोड़ कर जाना चाहते हो। पत्थर वाली डिश की प्लेट के साथ एक एक्स्ट्रा प्लेट भी मिलती है जिसमें चाटे हुए पत्थर रखने होते हैं।
बहुत सी रेहड़ियों पर लोग इसे खाते हुए वीडियो या तस्वीरें शेयर करते हैं। कुछ स्ट्रीट फ़ूड वालों ने इसके वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर डाल रखे हैं।
पहले क्यों खाते थे लोग
कुछ ऑनलाइन रिपोर्ट के अनुसार, इस व्यंजन की उत्पत्ति सदियों पहले पूर्वी चीन में स्थित हुबेई प्रांत में हुई थी। नाविकों द्वारा लोग इसकी कहानियां पीढ़ियों से सुनाते आ रहे हैं। माना जाता है कि सुओडियू सैकड़ों साल पुराना खाना है। पुराने दिनों में सामान पहुंचाते समय नाविक नदी के बीच में फंस जाते थे और उनके पास भोजन खत्म हो जाता था। ऐसे में उनके पास कोई विकल्प नहीं बचता था कि जीवन कैसे बचाया जाये और भूखे पेट नींद भी नहीं आती थी तो कैसे समस्या का हल हो। ऐसे में कड़वाहट में खुशी ढूंढने के लिए उन्हें व्यंजन बनाने के लिए पत्थर मिले। जब उन्होंने पत्थरों को अन्य मसालों के साथ पका कर खाया यानी चाटा तो उनकी समस्या दूर हो गई। पेट और मन दोनों को राहत मिली। ऐसे यह भोजन अस्तित्व में आया।
डिश को खुद कस्टमाइज करते हैं लोग
तृप्ति की भावना के लिए कुछ लोग पत्थर पर मसालों का लेप भी लगाते हैं। पत्थरों की सतह चिकनी होती है और इन्हें चॉपस्टिक से भी उठाया जा सकता है या हाथ से खाया जा सकता है। जिस सॉस या मसाले से यह ढका होता है उसे चूस लिया जाता है और पत्थर को हटा दिया जाता है। कुछ तो इस पकवान को सब्जियों, सूअर का मांस और समुद्री भोजन के साथ पका कर परोसते हैं। YouTube पर भी इस व्यंजन के बारे में कई लघु वीडियो और वीडियो हैं।