जालंधर /नई दिल्ली। द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट (जीबीबीसी) के 12वें वार्षिक आयोजन के रिजल्ट आ चुके हैं। इस गिनती में भारत में पक्षियों की 1,036 प्रजातियां दर्ज की गईं , जो दुनिया में तीसरी सबसे अधिक हैं। कोलंबिया में सबसे ज्यादा 1,363 प्रजातियां और इक्वेडोर में 1,130 पक्षी प्रजातियों की पहचान की गई। ब्राजील 1,007 प्रजातियों के साथ चौथे स्थान पर रहा।
बर्ड काउंट 16 से 19 फरवरी के बीच किया गया। आयोजन में बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमियों, विधार्थियों और आम लोगों ने भाग लिया था। इस दौरान वैश्विक स्तर पर 3.18 लाख चेकलिस्ट और 7,895 प्रजातियां को रिकॉर्ड किया गया।
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हर साल फरवरी में यह गिनती होती है। भारत 2013 से इसमें भाग ले रहा है। इसमें देश-दुनिया के पक्षी प्रेमी अपने घरों के छत, आंगन, पार्कों और आसपास आने वाले पक्षियों की तस्वीरें ऑनलाइन प्लेटफार्म ई बर्ड पर अपलोड करते हैं। इनकी मदद से दुनिया भर में पक्षियों की प्रजातियों और विविधता का आंकलन किया जाता है।
पश्चिम बंगाल में दर्ज की गई सबसे अधिक पक्षी प्रजातियां
बर्ड काउंट से पता चला है कि इस साल भारतीय पक्षी प्रेमियों ने 60,810 चेकलिस्ट का योगदान दिया है, जो दुनिया में दूसरी सबसे अधिक हैं। अमेरिका पहले स्थान पर है जिसने इस दौरान कुल 172,025 जांच सूचियां दर्ज की हैं। इनके बाद 25,420 चेकलिस्ट के साथ कनाडा तीसरे स्थान पर है।
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इस साल केरल में सबसे अधिक संख्या में चेकलिस्ट दर्ज की गईं, जिनकी कुल संख्या 14,023 रही। इसके बाद 13,661 चेकलिस्ट के साथ तमिलनाडु दूसरे, जबकि 5,725 सूचियों के साथ महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा। कर्नाटक में 5,140, मध्य प्रदेश में 3,260, पश्चिम बंगाल में 2,806 और उत्तराखंड में 2,234, जबकि राजस्थान में 1,961 सूचियां सबमिट की गई।
चंडीगढ़ में सिर्फ 35 सूचियां दर्ज
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पंजाब में 91 और चंडीगढ़ में सिर्फ 35 सूचियां दर्ज करवाई गईं। दमन -दीव में सिर्फ एक प्रकार की चिड़िया पाई गई।
वहीं यदि प्रजातियों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक, 538 पक्षी प्रजातियां दर्ज की गई। वहीं इसके बाद उत्तराखंड में 426, असम में 420, महाराष्ट्र में 403, अरुणाचल प्रदेश में 396, कर्नाटक में 387, तमिलनाडु में 358, गुजरात में 354, केरल में 340, आंध्र प्रदेश में 321, हिमाचल प्रदेश में 321 और राजस्थान में 305 प्रजातियां रिकॉर्ड की गई।