पढ़ें किसने भेजी प्यार भरी पाती
जालंधर /अयोध्या। राम लला को होली के खास रंग भेजे गए हैं। ये रंग कचनार के फूलों से बने हैं। आपको याद ही होगा, राम मंदिर में 22 जनवरी को राम लला का अभिषेक करवाया गया था। समारोह के लिए अयोध्या बहुत दिन पहले से ही सज गई थी। शहर दुल्हन सा लग रहा था। लोग मेहमानों को पलकों पर बिठाने को आतुर थे, बिठाया भी। गलियां और सड़कें सोहर गाती दिखीं।
ऐसा ही नज़ारा फिर से बना है। लोग राम लला संग होली खेलने को, उन्हें रंग लगाने को आतुर हैं। भीड़ बहुत है, फिर भी लोग संयम धरे अपने बारी का इंतज़ार कर रहे हैं।
त्रेतायुग में अयोध्या का राज वृक्ष था
इस सब में एक बात खास है वो है रंग। ये खास रंग लखनऊ से आये हैं। कचनार के फूलों से बना ये गुलाल सीएम योगी ने भेजा है। साथ भेजी है एक चिठ्ठी जो आदर और प्यार से लिखी गई है। इसमें होली की बधाई है। गुझिया की मिठास है और साथ है सबकी मंगला कामना।
संस्थान द्वारा श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के लिए बौहिनिया प्रजाति जिसे आमतौर पर कचनार के नाम से जाना जाता है के फूलों से हर्बल गुलाल बनाया गया है। कचनार को त्रेतायुग में अयोध्या का राज वृक्ष माना जाता था।
मानव त्वचा के लिए पूरी तरह से सुरक्षित
यह हमारे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की सुस्थापित औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी- बैक्टीरियल, एंटी-फंगल आदि गुण भी होते हैं। इसी तरह, गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर में चढ़ाए हुए फूलों से हर्बल गुलाल को तैयार किया गया है। इन हर्बल गुलाल का परीक्षण किया जा चुका है और यह मानव त्वचा के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल है।
Ram Lalla’s first Holi : हर्बल गुलाल लैवेंडर फ्लेवर में
कचनार के फूलों से हर्बल गुलाल लैवेंडर फ्लेवर में बनाया गया है, जबकि गोरखनाथ मंदिर के चढ़ाए हुए फूलों से हर्बल गुलाल चंदन फ्लेवर में विकसित किया गया है। इन हर्बल गुलाल में रंग चमकीले नहीं होते क्योंकि इनमें लेड, क्रोमियम और निकल जैसे केमिकल नहीं होते हैं। फूलों से निकाले गए रंगों को प्राकृतिक घटकों के साथ मिलाकर पाउडर बनाया जाता है इसे त्वचा से आसानी से पोंछ कर हटाया जा सकता है।
बाजार के रंग हैं हानिकारक
स्किन एक्सपर्ट jalandhar से Breena ने बताया, बाजार में मिलने वाले रंग हानिकारक होते हैं। उनमें केमिकल मिला होता है। इनको लगाने से चेहरे पर खारिश, खुजली, चकते आदि समस्याएं आती हैं। लोगों को बहुत ही ध्यान से रंगों का चयन करना चाहिए। इसके अलावा होली से पहले मुँह और बाकी शरीर पर नारियल या कोई और स्किन फ्रेंडली तेल लगाया जा सकता है। बालों को ढक कर रख सकते हैं। इस बात का ख्याल रखें ,बच्चे की आँख में रंग न चले जाएँ।