Dishadeep – मरणोपरांत नेत्रदान करना आवश्यक बनाने के लिए कानून बनाए केंद्र सरकार_ लायन एस एम सिंह
जालंधर 24 अगस्त _ बहु उद्देशीय स्वयंसेवी संस्था Dishadeep जो के गत 15 वर्ष से नेत्रदान, संपूर्ण शरीर दान, नशा मुक्ति समाज, पर्यावरण सुरक्षा, रक्तदान तथा अन्य समाजसेवी कामों में अग्रणी संस्था है। इस वर्ष कल 25 अगस्त से 8 , सितंबर 2025 तक समस्त भारत में मनाये जा रहे पखवाड़े की रूपरेखा बनाने व इसे क्रियान्वित करने के लिए आयोजित एक मीटिंग को संबोधित करते हुए Dishadeep के संस्थापक व चीफ़ लायन एस एम सिंह ने कहा कि उपलब्ध अपुष्ट आंकड़ों के मुताबिक भारत में 15 लाख के करीब कॉर्निया अंधेपन के शिकार लोग हैं।
जिनको मरणोपरांत हमारे द्वारा दान की गई आंखों से संसार में रोशनी मिल सकती है, हम पर आस लगाए बैठे हैं कि हम में से कौन दानवीर मरणोपरांत आंखें दान करेगा और वह इस रंगीन दुनिया को दृष्टिगोचर कर सकेंगे।
श्रीलंका जैसा छोटा और पछड़ा देश नेत्र दान में विश्व भर में अग्रणी है। इस पखवाड़े में टीम Dishadeep स्कूलों कॉलेज यूनिवर्सिटीज , सरकारी तथा गैर सरकारी विभागों व घर घर जाकर नेत्रदान के प्रति जन जागरण मुहिम चलाएंगे तथा सेमिनार आयोजित करेंगे।
रेडियो, टीवी चैनल सोशल मीडिया पर भी नेतृत्व दान जागरूकता के लिए साक्षात प्रसारित करने हेतु प्रबंध किया गया है। इच्छुक दानी लोग एक साधारण फॉर्म भरकर मरणोपरांत नेत्रदान घोषणा पत्र भर सकेंगे! नेत्रदान विंग के चेयरमैन एस पी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है के संपूर्ण विश्व में भारत को कारनीय अंधेपन की राजधानी कहा जाता है।
मीटिंग में उप चेयरमैन रमेश लखनपाल, मॉडल टाउन एरिया में फार्म भरेंगे। तरसेम जालंधरी, सुरेंद्र भारती सेक्रेटरी जनरल, कैप्टन जसविंदर सिंह चेयरमैन तथा मुख्य संरक्षक एमपी सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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