पटना। नौकरी के बदले जमीन केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रीय जनता दल नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से करीब नौ घंटे तक पूछताछ की।
रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले के सिलसिले में पार्टी ने विपक्ष पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए देश भर में विरोध प्रदर्शन किया था।
दिल्ली से आई ईडी टीम से पूछताछ का सामना करने के लिए तेजस्वी सुबह करीब 11 बजे पटना में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय पहुंचे। वह रात 8 बजे ईडी कार्यालय से बाहर आए, विजय चिन्ह दिखाया और चले गए। ईडी सूत्रों ने बताया कि उनका मामले से संबंधित 60 प्रश्न से आमना-सामना कराया गया
ईडी के अधिकारियों ने सोमवार को तेजस्वी के पिता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी। घटनाक्रम यह दर्शाता है कि बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद नौकरियों के बदले जमीन देने के मामले में तेजी आई।
बड़ी संख्या में राजद नेताओं और समर्थकों ने पटना में एजेंसी के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि विपक्ष को दबाने के लिए केंद्र द्वारा लालू और उनके परिवार को परेशान किया जा रहा है।
जब तेजस्वी वहां पहुंचे तो एजेंसी के कार्यालय के बाहर पहले से ही पार्टी समर्थकों की भीड़ जमा हो गई थी, जिससे यातायात बाधित हो गया था। उन्होंने उनसे धैर्य रखने और शांति बनाए रखने की अपील की।
राज्यसभा सदस्य मनोज झा, एमएलसी सुनील कुमार सिंह, विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों और समर्थकों सहित कई राजद नेताओं ने ईडी कार्यालय के सामने धरना दिया और पूछताछ खत्म होने का इंतजार किया।
लालू की बड़ी बेटी और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती और बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, जो विधायक हैं, दोपहर में धरने में शामिल हुए।
दोपहर के भोजन का समय था और मैंने ईडी कार्यालय के गेट पर गार्ड से तेजस्वी के लिए खाना भेजने की अनुमति मांगी, लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। मीसा ने कहा, मेरे पिता को कल 10 घंटे तक लगातार कुर्सी पर बैठाया गया, वह वृद्ध और बीमार हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर भी हमला बोला, उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बहुत डरे हुए हैं। पूरे देश में विपक्ष में डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। जनता सब देख रही है और भाजपा, विशेषकर प्रधानमंत्री को इसका सामना करना पड़ेगा।
बिहार में सत्ता परिवर्तन के बारे में बात करते हुए, उन्होंने जोर देकर कहा कि झारखंड में भी इसकी कोशिश की जा रही है, और भाजपा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर इसके साथ जुड़ने के लिए दबाव डाल रही है।
झा ने कहा, यह भाजपा का कार्यालय है, ईडी का नहीं। अब देश में कोई ईडी, आईटी (आयकर) या सीबीआई नहीं है। वे अब भाजपा के विस्तारित कार्यालय हैं।
झा ने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसियों ने केवल उन्हीं स्थानों पर समन भेजे हैं जहां भाजपा बैकफुट पर है और उन्होंने विपक्ष के उत्पीड़न के खिलाफ विधानसभा और संसद से सड़क तक लड़ने की कसम खाई।
नौकरियों के बदले जमीन घोटाला कथित तौर पर 2004 और 2009 के बीच केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में लालू के कार्यकाल के दौरान हुआ था। सीबीआई ने 18 मई, 2022 को एफआईआर दर्ज की, जबकि ईडी ने बाद में मामले में प्रवेश किया। तब से दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने लालू, उनके परिवार और सहयोगियों पर कई छापे मारे हैं और कुछ मौकों पर उनसे पूछताछ की है।