Nepal : 45 वर्षों में इतनी विनाशकारी बाढ़ -सैलाब कभी नहीं देखा
Nepal की काठमांडू घाटी में सबसे ज्यादा 48 मौतें
काठमांडू। पूरे नेपाल/NEPAL में बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या रविवार को 102 हो गई।
सशस्त्र पुलिस बल के सूत्रों के मुताबिक, बाढ़, भूस्खलन और सैलाब में 64 लोग लापता हैं, जबकि 45 लोग घायल हुए हैं।
काठमांडू घाटी में सबसे ज्यादा 48 मौतें हुईं। कम से कम 195 घर और आठ पुल क्षतिग्रस्त हो गये। सुरक्षाकर्मियों ने करीब 3100 लोगों को बचाया है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन्होंने 40-45 वर्षों में काठमांडू घाटी में इतनी विनाशकारी बाढ़ और सैलाब कभी नहीं देखा है।
सशस्त्र पुलिस बल ने एक बयान में कहा कि मरने वालों की संख्या 102 तक पहुंच गई है।
इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) के जलवायु और पर्यावरण विशेषज्ञ अरुण भक्त श्रेष्ठ ने कहा, मैंने काठमांडू में इस पैमाने पर बाढ़ पहले कभी नहीं देखी।
आईसीआईएमओडी द्वारा शनिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वी और मध्य नेपाल में शुक्रवार और शनिवार को हुई लगातार बारिश के बाद काठमांडू की मुख्य नदी बागमती खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है।
इसमें कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की प्रणाली और मानसून ट्रफ की सामान्य से अधिक उत्तरी स्थिति शनिवार की असाधारण तीव्र बारिश का कारण थी।
वैज्ञानिकों का कहना है कि जहां जलवायु परिवर्तन पूरे एशिया में वर्षा की मात्रा और समय को बदल रहा है, वहीं बाढ़ के प्रभाव में वृद्धि का एक प्रमुख कारण अनियोजित निर्माण सहित निर्मित पर्यावरण है, विशेष रूप से बाढ़ के मैदानों पर, जो पानी बनाए रखने और जल निकासी के लिए अपर्याप्त क्षेत्र छोड़ता है।
बाढ़ और भूस्खलन ने देश के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, कई राजमार्ग और सड़क खंड बाधित हो गए हैं, सैकड़ों घर और पुल दब गए या बह गए, और सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए। सड़क बाधित होने से हजारों यात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।
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