नई दिल्ली /पटना। आए दिन बिहार के सीएम रंग बदल रहे हैं। कभी इधर मुड़ जाते हैं तो कभी उधर। अभी चर्चा कह लो या अफवाहें चल ही रही थीं कि उन्होंने बीजेपी की ओर मुख मोड़ लिया है। कांग्रेस संचार प्रमुख जयराम रमेश ने कहा, नीतीश कुमार, जो बार-बार राजनीतिक साझेदार बदलते हैं, रंग बदलने वाले गिरगिटों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
लालू प्रसाद के बेटे और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव की एक्स पर पोस्ट में लिखा है, गिरगिट तो बस यूं ही बदनाम है। रंग बदलने की बाद में पलटीस कुमार को भी ‘गिरगिट रत्न’ से सम्मानित करना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, राजनीति में बहुत सारे आया राम और गया राम हैं। जो लोग जाना चाहते हैं वे जायेंगे।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने जदयू नेता के नए राजनीतिक उतार-चढ़ाव से हतप्रभ होने की बात स्वीकार करते कहा कि उनके विश्वासघात के पैमाने ने राजनतिक हलके में खलबली मचा दी है। जबकि कुछ लोगों ने यह समझने की कोशिश की कि अगर नीतीश को संयोजक बनाया जाता तो विपक्षी समूह भारत को कितनी शर्मिंदगी उठानी पड़ती, दूसरों ने उनकी नियुक्ति को रोकने के लिए ममता बनर्जी और राहुल गांधी को धन्यवाद दिया।
विपक्ष के विश्वास की गंभीरता के बारे में संदेह
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि नीतीश कुमार की गिरगिट चाल ने विपक्षी एकता की छवि और कहानी को नुकसान पहुंचाया है। बिहार के मुख्यमंत्री को निस्संदेह भारतीय गुट के अग्रिम पंक्ति के योद्धा के रूप में देखा जाता था, और भाजपा की झोली में उनके कूदने से कई लोगों के मन में अपने स्वयं के लोकतंत्र-खतरे के आरोप में विपक्ष के विश्वास की गंभीरता के बारे में संदेह पैदा हो गया होगा।
कुछ लोग पूछ रहे होंगे कि लोकतंत्र को बचाने के लिए निकली सेना का कोई कमांडर लोकतंत्र का गला घोंटने के आरोपी शासक से कैसे जुड़ सकता है। भारत के नेता जानते हैं कि उन्हें अपनी विश्वसनीयता फिर से बनानी होगी, क्योंकि पूरा शो अब कई लोगों के लिए एक फूहड़ कॉमेडी जैसा लगने लगा है।
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इस घटनाक्रम को भाजपा की कमजोरी का सबूत बताया। उन्होंने कहा, भाजपा कभी इतनी कमजोर नहीं थी। वे विश्वासघात के नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। जनता उन्हें सबक सिखाएगी। विश्वास खोने से बड़ी कोई हार नहीं है, उन्होंने कहा, उन्होंने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को मुख्यमंत्री पद तक सीमित कर दिया है। बीजेपी ने बिहार की जनता का अपमान किया है। यह संसदीय चुनाव हारने के उसके डर को दर्शाता है।
रमेश ने कहा कि इंडिया समूह को एक छोटी सी बाधा का सामना करना पड़ा है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि इसके अन्य घटक भाजपा से लड़ने के अपने संकल्प में दृढ़ हैं। रमेश ने कहा, बिहार की जनता विश्वासघात में माहिर इस विशेषज्ञ और उन्हें अपने इशारों पर नचाने वालों को कभी माफ नहीं करेगी।