By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Telescope TimesTelescope TimesTelescope Times
Notification Show More
Font ResizerAa
  • Home
  • Recent Post
  • My Punjab
  • National
  • International
  • Cover Story
  • Health & Education
  • Web Stories
  • Art/Cinema & More
    • Science & Tech
    • Food & Travel
    • Fashion & Style
    • Sports & Stars
  • E-Paper Telescope Times
Reading: Pakistan हथियारों के लिए पूरी तरह से China पर निर्भर
Share
Font ResizerAa
Telescope TimesTelescope Times
Search
  • Home
  • Recent Post
  • My Punjab
  • National
  • International
  • Cover Story
  • Health & Education
  • Web Stories
  • Art/Cinema & More
    • Science & Tech
    • Food & Travel
    • Fashion & Style
    • Sports & Stars
  • E-Paper Telescope Times
Have an existing account? Sign In
Follow US
Telescope Times > Blog > Cover Story > Pakistan हथियारों के लिए पूरी तरह से China पर निर्भर
Cover Story

Pakistan हथियारों के लिए पूरी तरह से China पर निर्भर

The Telescope Times
Last updated: July 10, 2025 5:42 pm
The Telescope Times Published July 10, 2025
Share
Pakistan
SHARE

Pakistan – 2020 से 2024 तक 82% हथियार खरीदे, तुर्किये और इटली भी आपूर्तिकर्ता

भारत तेजी से सुरक्षा आत्मनिर्भरता की ओर

  • डॉ. संजय पांडेय

नई दिल्ली – Pakistan ने वर्ष 2020 से 2024 के बीच हथियारों की खरीद में जबरदस्त बढ़ोतरी की और इस अवधि में चीन उसका सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बना रहा। कुल आयात का लगभग 82% हिस्सा अकेले चीन से आया। चीन के अलावा तुर्किये, इटली और रूस भी Pakistan को सैन्य उपकरण बेच रहे हैं।

Contents
Pakistan – 2020 से 2024 तक 82% हथियार खरीदे, तुर्किये और इटली भी आपूर्तिकर्ताभारत तेजी से सुरक्षा आत्मनिर्भरता की ओरPakistan अब चीन के हथियारों का सबसे बड़ा ग्राहकPakistan – हथियारों पर निर्भरता और रणनीतिक प्रभावचीन इसलिए नहीं बनने देना चाहता Pakistan को आत्मनिर्भरभारत तेजी से आत्मनिर्भरता की ओरPakistan की नीति छद्म युद्ध और परमाणु हथियारों पर टिकीएटॉमिक ब्लैकमेलिंग के खिलाफ भारत का निर्णायक कदम

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2020 के बाद लगभग पूरी तरह चीन पर निर्भर हो गया है। Pakistan द्वारा आयात किए गए हथियारों में प्रमुख रूप से लड़ाकू विमान जेएफ-17 थंडर, एयर डिफेंस सिस्टम, ड्रोन और नौसैनिक जहाज शामिल हैं।

Pakistan अब चीन के हथियारों का सबसे बड़ा ग्राहक

सिप्री की यह रिपोर्ट दक्षिण एशिया में हथियारों की दौड़ और China-Pakistan के सामरिक समीकरणों पर रोशनी डालती है। जहां भारत ने स्वदेशी उत्पादन और विविध देशों से खरीद की नीति अपनाई है, वहीं पाकिस्तान का झुकाव एकतरफा रूप से चीन की ओर बना हुआ है। यह आने वाले वर्षों में उसकी रक्षा स्वायत्तता और रणनीतिक स्वतंत्रता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर सकता है। सिप्री और जेंस डिफेंस वीकली जैसी प्रतिष्ठित संस्थाएं पुष्टि करती हैं कि Pakistan का रक्षा उत्पादन आंशिक रूप से स्वदेशी है। वह अधिकांश उन्नत प्रणालियों के लिए अब भी चीन और कुछ अन्य देशों पर निर्भर है।

हाल ही में भारत के साथ संघर्ष में पाक ने चीन और तुर्किए से प्राप्त उन्नत हथियारों को युद्ध के दौरान आजमाया लेकिन उसे कोई खास सफलता नहीं मिली। हालांकि Pakistan स्वदेशी हथियारों के निर्माण में सक्रिय है और उसने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में कई प्रयास किए हैं।

Pakistan ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, नेशनल डिफेंस कॉम्प्लेक्स और एयर विपक्ष कॉम्प्लेक्स जैसे संस्थान देश में हथियार निर्माण में संलग्न हैं, लेकिन उनके पास उन्नत तकनीक का अभाव है। क्योंकि चीन, पाकिस्तान को सीमित मात्रा में ही उन्नत तकनीक उपलब्ध कराता है।

Pakistan छोटे हथियारों, टैंकों जैसे अल खालिद, मिसाइलों जैसे हत्फ और बाबर , लड़ाकू विमान जैसे जेफ -17 थंडर जिसे चीन के साथ मिलकर विकसित किया गया और ड्रोन जैसे शाहपार और बराक का स्थानीय निर्माण करता है। विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान स्वदेशी हथियार निर्माण में इसलिए पिछड़ा हुआ है क्योंकि उसका रक्षा उद्योग अब भी टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन, औद्योगिक शोध और स्वतंत्र डिजाइन क्षमता में सीमित है। ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन और सिप्री जैसे संस्थानों के विशेषज्ञ मानते हैं कि Pakistan की रक्षा नीति लंबे समय से बाहरी स्रोतों, खासकर चीन पर निर्भर रही है जिससे घरेलू अनुसंधान एवं विकास को अपेक्षित प्रोत्साहन नहीं मिला। इसके अतिरिक्त राजनीतिक अस्थिरता, सीमित फंडिंग, उच्च-स्तरीय इंजीनियरिंग कौशल की कमी और वैश्विक तकनीकी प्रतिबंध भी इसके रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता में बड़ी बाधाएं हैं।

वहीं भारत जैसे देशों के मुकाबले Pakistan में निजी रक्षा उद्योग का विकास भी बेहद सीमित रहा है, जिससे नवाचार की गति और प्रतिस्पर्धा में भारी कमी आई है।

अन्य प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश

Pakistan ने तुर्किये से सैन्य हेलिकॉप्टर, ड्रोन तकनीक और नौसैनिक उपकरणों की खरीद की है। दोनों देशों के बीच सैन्य अभ्यास और रक्षा सौदों में बढ़ोतरी देखी गई है। इटली ने पाकिस्तान को सैन्य हेलिकॉप्टर, एविओनिक्स और नेविगेशन सिस्टम बेचे हैं। इटली की फिनमेकेनिका और लियोनार्डो कंपनियों के साथ पाकिस्तान के सौदे हुए हैं। सीमित मात्रा में ही सही लेकिन पाकिस्तान ने रूस से भी कुछ सैन्य तकनीकें और रक्षा उपकरण प्राप्त किए हैं, हालांकि भारत-रूस संबंधों के कारण यह सहयोग बहुत सीमित है।

Pakistan – हथियारों पर निर्भरता और रणनीतिक प्रभाव

Pakistan की हथियारों पर निर्भरता उसकी सुरक्षा नीति और क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित कर रही है। भारत के साथ चल रहे तनाव और आतंकवाद के खिलाफ अभियान में आधुनिक हथियारों की जरूरत पाकिस्तान को लगातार हथियार आयात की ओर धकेल रही है। आर्थिक बदहाली से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए हथियार खरीदना बड़ी चुनौती बन गया है। पाकिस्तान हथियारों की खरीद के लिए वित्तीय प्रबंध कई स्रोतों से करता है, जिनमें विदेशी ऋण, द्विपक्षीय सैन्य सहायता, आंतरिक रक्षा बजट और भुगतान स्थगन योजनाएं शामिल हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार चीन से हथियार खरीदने में पाकिस्तान को अक्सर रियायती दरों पर लोन और लंबी अवधि की क्रेडिट लाइन जैसी सुविधाएं मिलती हैं। इसके अलावा खाड़ी देशों से मिलने वाली आर्थिक सहायता और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से लिए गए कर्ज का भी उपयोग रक्षा खरीद में अप्रत्यक्ष रूप से होता है।चीन उसे बड़े स्तर पर तकनीकी लाभ तो देता है, लेकिन रणनीतिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं बनने देना चाहता है।

चीन इसलिए नहीं बनने देना चाहता Pakistan को आत्मनिर्भर

विशेषज्ञों के अनुसार चीन रणनीतिक रूप से पाकिस्तान को पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं बनने देना चाहता, क्योंकि वह उसे अपने क्षेत्रीय प्रभाव और हथियार बाजार में एक स्थायी ग्राहक और सहयोगी के रूप में देखता है। कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस और रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (आरयूएसआई) के विश्लेषकों का मानना है कि चीन पाकिस्तान को तकनीक तो हस्तांतरित करता है, लेकिन सीमित और नियंत्रित रूप में ताकि पाकिस्तान की निर्भरता बनी रहे और वह चीन की रणनीतिक छाया से बाहर न निकल सके।

इससे बीजिंग को न केवल दक्षिण एशिया में एक वफादार सैन्य साझेदार मिलता है बल्कि हथियारों और रक्षा तकनीक के निर्यात में भी एक स्थिर बाजार सुनिश्चित होता है। पूर्ण आत्मनिर्भरता पाकिस्तान को स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम बना सकती है जो चीन के दीर्घकालिक भू-राजनीतिक हितों के खिलाफ होगा।

भारत तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर

विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिण एशिया में भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चले आ रहे तनावपूर्ण रिश्तों के बीच दोनों देशों की सामरिक क्षमता अंतरराष्ट्रीय रक्षा विश्लेषकों की नजर में लगातार मूल्यांकन का विषय बनी रही है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री), इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) और यूएस डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी जैसी संस्थाएं दोनों देशों के रक्षा ढांचे और परमाणु क्षमता पर नियमित रिपोर्ट प्रकाशित करती हैं। इन रिपोर्टों के आधार पर भारत की सामरिक क्षमता पाकिस्तान की तुलना में कहीं अधिक व्यापक, गहन और बहुआयामी मानी जाती है

आईआईएसएस और सिप्री के अनुसार भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है। उसकी सेना में लगभग 14 लाख सक्रिय सैनिक हैं। भारत के पास अनुमानतः 160 से 170 परमाणु वॉरहेड्स हैं और उसके पास अग्नि-5 जैसी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, परमाणु-सक्षम फाइटर जेट्स जैसे मिराज, सुखोई और राफेल हैं। भारतीय नौसेना के पास परमाणु पनडुब्बियां, दो विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी विक्रांत भी हैं। इसके अलावा भारत ‘मेक इन इंडिया’ के तहत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

Pakistan की नीति छद्म युद्ध और परमाणु हथियारों पर टिकी

सिप्री और ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के मुताबिक पाकिस्तान की सामरिक क्षमता भारत से काफी कम है, लेकिन वह छद्म युद्ध और परमाणु हथियारों के जरिए संतुलन बनाए रखने की रणनीति अपनाता है। उसके पास अनुमानतः 160 परमाणु वॉरहेड्स हैं और शहीन, गजनवी तथा बाबर जैसी परमाणु-सक्षम मिसाइलें हैं। नौसेना और वायुसेना सीमित हैं लेकिन पाकिस्तान की नीति मुख्यतः ‘न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता’ (मिनिमम क्रेडिबल डिटेरेंस) पर केंद्रित है और वह सीमापार आतंकवाद तथा घुसपैठ जैसे असमान युद्ध के तरीकों पर निर्भर करता है।

डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसियों के अनुसार भारत साइबर वॉरफेयर,अंतरिक्ष सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित सैन्य तकनीकों में Pakistan से बहुत ज्यादा आगे है। भारत ने डीआरडीओ और इसरो की मदद से एंटी-सैटेलाइट मिसाइल (एएसएटी) क्षमता भी विकसित कर ली है, जो भविष्य के युद्ध परिदृश्यों में उसे रणनीतिक बढ़त देती है।

एटॉमिक ब्लैकमेलिंग के खिलाफ भारत का निर्णायक कदम

कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस, रैंड और ब्रुकिंग्स इंस्टिट्यूशन जैसे थिंक टैंक्स मानते हैं कि भारत की सैन्य बढ़त स्पष्ट है, लेकिन पाकिस्तान की रणनीति अनिश्चितताओं और अप्रत्याशित कदमों पर आधारित है। दोनों देशों के पास परमाणु हथियारों की मौजूदगी क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बनी हुई है।

भारत ‘नो फर्स्ट यूज’ की नीति पर चलता है जबकि पाकिस्तान ने इस पर कोई स्पष्ट नीति नहीं अपनाई है। Pakistan लगातार परमाणु हमले की बात करके खुद को सामरिक रूप से खतरनाक दिखाने की कोशिश करता रहता है। भारत ने अब आतंकवाद के खिलाफ बेहद कठोर रुख अपना लिया है और इस बार के एक छोटे युद्ध में उसने पाकिस्तान की परमाणु धमकी को भी दरकिनार कर दिया। भारत का कहना है कि अब किसी भी हाल में एटॉमिक ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं करेगा। दूसरी ओर पाकिस्तान की चीन पर अत्यधिक निर्भरता उसे लगातार कमजोर बना रही है।

डॉ. संजय पांडेय

https://telescopetimes.com/category/trending-news/national-news

You Might Also Like

OPERATION SINDOOR के बाद बौखलाए पाकिस्तानी आतंकवादी

भारत British Whisky का दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार

Danger : प्लास्टिक में इस्तेमाल होने वाले केमिकल हृदय रोगों से होने वाली मौतों की बड़ी वजह

Report – उत्तराधिकार से बदलता भारत का कॉरपोरेट चेहरा

Jalandhar में कूड़ा उठाने का प्रबंधन सबसे खराब, जगह जगह कचरा

TAGGED:chinapakistan
Share This Article
Facebook Twitter Email Print
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow US

Find US on Social Medias
FacebookLike
TwitterFollow
InstagramFollow
YoutubeSubscribe
newsletter featurednewsletter featured

Weekly Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

Popular News
National

One Nation, One Election: सत्ताधारी पार्टी को लाभ : कोविंद

The Telescope Times The Telescope Times November 21, 2023
IPS Alka Meena को DIG Administration का भी कार्यभार
Round Glass Grass Root Hockey League 2023: सेमीफाइनल में राउंड ग्लास मिट्ठापुर, संसारपुर, तेहिंग और बाबा बकाला की टीमें
AIRPORTS BOMB THREAT : दिल्ली समेत 12 एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी
Bajwa ने डल्लेवाल का समर्थन किया: किसानों के मुद्दे पर अटूट समर्थन का आश्वासन
- Advertisement -
Ad imageAd image
Global Coronavirus Cases

INDIA

Confirmed

45M

Death

533.3k

More Information:Covid-19 Statistics

About US

The Telescope is an INDEPENDENT MEDIA platform to generate awareness among the masses regarding society, socio-eco, and politico.

Subscribe US

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

© 2023 Telescopetimes. All Rights Reserved.
  • About
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
Join Us!

Subscribe to our newsletter and never miss our latest news, podcasts etc..

Zero spam, Unsubscribe at any time.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?