Panchayat Election : ड्यूटी कटवाने वालों की लगी लाइन, असली समस्या वालों को मिली राहत
96,000 कर्मियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया
पंजाब में 13,000 से अधिक ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव
Panchayat Election : 19,110 मतदान केंद्रों पर चुनाव
जालंधर। Panchayat Election : पंजाब भर में पंचायत चुनाव 15 अक्टूबर को हैं। इसको लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर रखी हैं। चुनाव बहुत नज़दीक हैं इसलिए आज खालसा कॉलेज जालंधर में चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की रिहर्सल भी करवाई गई। इसमें चुनाव ड्यूटी में लगे लगभग सारे ही मुलाजिम पहुंचे।
रिहर्सल के लिए एसडीएम जालंधर- 2 बलवीर राज सिंह, तहसीलदार जालंधर- 2 राम चंद, नायब तहसीलदार-2 अश्वनी कुमार और कानूनगो नरेश कुमार की ड्यूटी डीसी द्वारा लगाई गई है।
कुछ ने मौके पर मौजूद अफसरों को रिक्वेस्ट की कि उनकी इलेक्शन ड्यूटी रद्द कर दी जाये। लोग अपने साथ मेडिकल या और भी बहाने वाले कागज लेकर आए थे पर ये हर बार होता है कि कुछ लोग ड्यूटी से बचने को ऐसा करते हैं। मालूम हो कि बिना सॉलिड कारण इलेक्शन ड्यूटी रद्द करने से मना कर दिया गया।
हालाँकि दो लोगों को इलेक्शन ड्यूटी से रिलीव कर दिया गया जिसमें एक मुलाजिम के हाथ बहुत ज्यादा काँप रहे थे और दूसरे के पैर में फ्रैक्चर हो गया था। बाकी जो लोग ज़िद्द पर अड़े थे उन्हें welfare ऑफिस भेज दिया गया।
नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 7 अक्टूबर
मालूम हो पंजाब में 13,000 से अधिक ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव हो रहे हैं। पंजाब राज्य चुनाव आयुक्त राज कमल चौधरी ने कहा कि नामांकन पत्रों की जांच 5 अक्टूबर को होगी और नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 7 अक्टूबर है।
15 अक्टूबर को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक बैलेट पेपर के माध्यम से मतदान होगा। उन्होंने बताया कि मतदान संपन्न होने के बाद उसी दिन मतदान केंद्रों पर वोटों की गिनती की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के लिए खर्च की सीमा ₹40,000 है, जबकि पंच पद के लिए मैदान में उतरने वालों के लिए खर्च की सीमा ₹30,000 है।
चौधरी ने कहा कि लगभग 96,000 कर्मियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा और 23 वरिष्ठ आईएएस/पीसीएस अधिकारियों को जिलों में सामान्य पर्यवेक्षकों के रूप में नियुक्त किया जाएगा ताकि 19,110 मतदान केंद्रों पर चुनाव का सुचारू और शांतिपूर्ण संचालन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि आयोग ने निष्पक्ष, स्वतंत्र और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए सभी इंतजाम किए हैं।
इस महीने की शुरुआत में, पंजाब विधानसभा ने राजनीतिक दलों के प्रतीकों के बिना ‘सरपंच’ और ‘पंच’ चुनने के लिए चुनाव कराने के लिए पंजाब पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया था। इसका मतलब यह है कि स्थापित राजनीतिक दलों के बीच कोई सीधा मुकाबला नहीं होगा।
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