फ्लावर शो में किसानों द्वारा विशेषज्ञता का प्रदर्शन
कपूरथला। पुष्पा गुजराल साइंस सिटी में फूलों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में 300 से अधिक विद्यार्थियों एवं बागवानों ने फूलों की खेती के प्रति अपनी विशेषज्ञता एवं उत्साह का जोरदार प्रदर्शन किया। यह शो प्रतिभागियों के लिए पॉटेड फ्लावर, फ्लावर अरेंजमेंट, फ्लावर रंगोली और पेंटिंग प्रतियोगिताओं में अपनी रचनात्मकता और कौशल दिखाने का एक बड़ा मंच और आकर्षण का केंद्र बन गया। इस अवसर पर 100 से अधिक किस्मों के फूलों का प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रक्षा संपदा (सेवानिवृत्त) प्रीतपाल सिंह मुख्य अतिथि उपस्थित थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इस फ्लावर शो में दिखने वाले फूल न सिर्फ देखने में खूबसूरत हैं, बल्कि इनके हमारे लिए और भी कई फायदे हैं । ऐसे शो में वनस्पति जगत के महत्व, प्राकृतिक पर्यावरण के संरक्षण और संतुलन की भावना के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सोचने का अवसर है कि प्रकृति को कैसे बचाया जा सकता है और इसकी रक्षा के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने चाहिए।
इस अवसर पर साइंस सिटी के निदेशक डाॅ. राजेश ग्रोवर ने कहा कि साइंस सिटी में यह वार्षिक पुष्प प्रदर्शनी क्षेत्र की समृद्ध पुष्प जैव विविधता को प्रदर्शित करती है। इस अवसर पर उन्होंने पर्यावरण को बनाए रखने के लिए फूलों की विविधता के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे बढ़ावा देने और संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि फूलों का रस परागण और तितलियों, पक्षियों, कीड़ों को आकर्षित करने के लिए एक आवश्यक संसाधन है और फूलों की विविधता और प्रजातियों का जीवन चक्र नई प्रजातियों का समर्थन करता है। डॉ. ग्रोवर ने स्थिरता और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए पुष्प विविधता के संरक्षण को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस अवसर पर पेंटिंग प्रतियोगिता में सेंट मैरी स्कूल, जालंधर की जैस्मीन, सेंट जोसेफ स्कूल, जालंधर की आस्था क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर रहीं। इसी तरह रंगोली में डीएवी मॉडल स्कूल कपूरथला की नीलम अरोड़ा और अर्शदीप पहले और दूसरे स्थान पर रहे। जबकि एस्टर की सामान्य सार्वजनिक श्रेणी में पहला पुरस्कार पुष्पा गुजराल साइंस सिटी और दूसरा पुरस्कार जालंधर की रोहिणी ने जीता। इसी प्रकार, एस्टर खेती संस्थानों की श्रेणी में जालंधर कैंट बोर्ड ने पहला और दूसरा पुरस्कार जीता।