खाद की कालाबाजारी पर सख़्त एक्शन लें, बेईमानों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएं-केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh*
वैज्ञानिक तरीके से सत्यापित होने तक अब नहीं दी जाएगी बायोस्टिमुलेंट बेचने के अनुमति
नई दिल्ली, 14 अगस्त 2025, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री Shivraj Singh चौहान ने आज राज्यों के कृषि मंत्रियों और आला अफसरों के साथ महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक की। इसमें, Shivraj Singh ने राज्यों में खाद-उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश देने के साथ ही कहीं भी खाद की कालाबाजारी होने पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि बेईमानों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएं।
Shivraj Singh ने कहा कि अब वैज्ञानिक तरीके से सत्यापित होने तक बायोस्टिमुलेंट (जैव उत्तेजक) बेचने की अनुमति बिल्कुल नहीं दी जाएगी। शिवराज सिंह ने कहा कि आगामी रबी सीजन के लिए 3 से 18 अक्टूबर तक विजय पर्व के रूप में “विकसित कृषि संकल्प अभियान” चलाया जाएगा और इस बार रबी कांफ्रेंस दो दिन 15 और 16 सितंबर को दिल्ली में होगी।
Shivraj Singh ने स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा
केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh ने बैठक में, सबको स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये स्वतंत्रता दिवस देशभक्ति का अलग रंग लिए हुए हैं और भारत के किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा, ये उदघोष हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है, ये केवल कोई शब्द नहीं है, प्रखर राष्ट्रभक्ति का प्रचंड उदघोष है।
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में किसानों के हित और भारत की कृषि को प्रभावित नहीं होने देगी। पशुपालकों और मछुआरों के हित भी सुरक्षित रहेंगे। किसान गदगद है और आनंद से भरे हुए हैं। – Shivraj Singh
सभी कृषि मंत्रियों और राज्यों के अधिकारियों से शिवराज सिंह ने कहा कि कृषि मूलतः राज्यों का विषय है, केंद्र आपको सहयोग करता है। कृषि मंत्री के रूप में मुझे सदैव यह चिंता रहती है कि यदि कोई समस्या है, तो उसका समाधान हम कैसे निकाले।खरीफ के लिए हमने खरीफ कांफ्रेंस की थी, इसमें अधिकांश राज्यों के कृषि मंत्री और अधिकारी आए थे।
अब, रबी की फसल की तैयारी हमें शुरू करना है। इसलिए, रबी की तैयारी के लिए कांफ्रेंस होगी और वो इस बार पहली बार हम दो दिन की बैठक करेंगे, उसकी तिथि 15, 16 सितंबर तय की गई है। सभी कृषि मंत्रियों से उन्होंने आग्रह किया कि इस कांफ्रेंस को बहुत गंभीरता से लें। इसमें, कृषि मंत्रियों के साथ कृषि से संबंधित अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव जैसे जिम्मेदार अधिकारी ही शामिल होना चाहिए, क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण बैठक है।
आवश्यकता का आंकलन अभी से कर लें
Shivraj Singh ने कहा कि सभी राज्य रबी के लिए खाद की आवश्यकता का आंकलन अभी से कर लें और समय से भेज दें ताकि हम फर्टिलाइजर मिनिस्ट्री के साथ बैठक करके आवश्यक मात्रा में खाद की आपूर्ति करने के लिए कदम उठा सकें, इसमें देर ना करें। सभी राज्य यह सुनिश्चित करें कि खाद का कहीं गैर कृषि कार्यों में दुरुपयोग नहीं होने पाएं और यदि खाद की कहीं कालाबाजारी हो रही हो तो सख्त कार्रवाई कीजिए, किसी को भी छोड़िए मत।
कड़ी कार्रवाई बहुत जरूरी है, किसी की भी ब्लैक में बेचने की हिम्मत कैसे हों।
Shivraj Singh चौहान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के बावजूद केंद्र सरकार ने खाद की पर्याप्त उपलब्धता की कोशिश की है। अगर कहीं कोई समस्या है तो हम फर्टिलाइजर मिनिस्ट्री के साथ बात करेंगे। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि नकली खाद, नकली पेस्टीसाइड भी कहीं बिकना नहीं चाहिए। सभी राज्यों से उन्होंने कहा कि बेइमानों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएं। किसानों के हितों का हमें ध्यान रखना है। हमें किसानों के साथ खड़े होते हुए फसलों में दवाई के मामले में भी निगरानी रखना होगी, ताकि किसानों को नुकसान नहीं हो। किसानों को खेती के लिए लिक्विड जबरन नहीं बेचा जाएं, यह भी ध्यान रखते हुए कार्रवाई करना होगी। इसी तरह, वैज्ञानिक तरीके से सत्यापित होने तक अब बिल्कुल भी कोई बायोस्टिमुलेंट (जैव उत्तेजक) नहीं बिकने दिया जाएगा। किसी की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी।
खरीफ की तरह ही बहुत महत्वपूर्ण कार्यक्रम “विकसित कृषि संकल्प अभियान” अब रबी की फसल के लिए भी चलाया जाएगा। 2 अक्टूबर को दशहरा मनाकर हम 3 अक्टूबर से विजय पर्व के रूप में इस अभियान के लिए निकलेंगे, उत्पादन बढ़ाने सहित कृषि की समस्याओं पर विजय के लिए। जो समस्याएं आएगी, उनका समाधान वैज्ञानिक सुझाएंगे। यह अभियान बहुत उपयोगी कार्यक्रम रहा है, इसके लिए उन्होंने वैज्ञानिको और सभी राज्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी भी इसका उल्लेख करते हैं कि ये अद्भुत अभियान हुआ, जिसमें लैब टू लैंड जुड़ गए। शिवराज सिंह ने बताया कि ये अभियान 18 अक्टूबर को धनतेरस के दिन सुबह 11 बजे तक चलेगा। धनतेरस के दिन इसे खत्म करेंगे, ताकि हमारा देश धन-धान्य से भर जाएं, देश के अन्न के भंडार भर जाएं।
Shivraj Singh ने बताया कि एक और कार्यक्रम कृषि पर चिंतन बैठक के रूप में होगा, जिसमें राज्यों के कृषि मंत्री आमंत्रित रहेंगे। जो समस्याएं आ रही हैं, हम उन्हें अनदेखा नहीं कर सकते। सभी संबंधित लोग, केंद्र और राज्य सरकार, FPOs, विशेषज्ञ, कृषि वैज्ञानिक सबके साथ बैठकर हम लोग चिंतन करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि मिशन बहुत महत्वपूर्ण अभियान है, जिसे बहुत गंभीरता के साथ लें। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री कृषि धन-धान्य योजना और दलहन एवं तिलहन मिशन को भी बहुत गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। इन अभियानों के लिए कृषि मंत्रियों को अपने अपने राज्य में नेतृत्व करना पड़ेगा, ताकि अच्छे परिणाम आ सकें। शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने स्वदेशी का आह्वान किया है, तो हमें क्यों विदेशों से दालें या तेल मंगवाना पड़े? हम इन मिशनों को भी देश की आवश्यकता के हिसाब से सफल बनाएं।
बैठक में, कृषि मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने सुझाव दिए। इसमें केंद्रीय कृषि सचिव, उर्वरक सचिव, ICAR के महानिदेशक सहित केंद्र और राज्यों के संबंधित वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
Shivraj Singh
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