Trade unions : ये कोड मज़दूरों के लिए सही नहीं हैं, कॉर्पोरेट समर्थक
Trade unions : आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने बनाई दूरी
नई दिल्ली। Trade unions : आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर केंद्रीय ट्रेड यूनियन ने देश भर में धरना प्रदर्शन किया। इनकी मांग है कि नरेंद्र मोदी सरकार चार नए श्रम कोड को खत्म करे। ये कोड मज़दूरों के लिए सही नहीं हैं। ये कॉर्पोरेट समर्थक हैं।
कांग्रेस समर्थित इंटक, सीपीआई समर्थित एआईटीयूसी और सीपीएम समर्थित सीटू सहित दस ट्रेड यूनियनों ने स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता, वेतन संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा संहिता के कार्यान्वयन के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया।
बीएमएस ने श्रम संहिता में संशोधन की मांग की है।
वेतन संहिता अगस्त 2019 में संसद में पारित की गई और अन्य तीन सितंबर 2020 में पारित की गईं। ये संहिताएं 29 मौजूदा श्रम कानूनों को समाहित करने का प्रयास करती हैं।
राज्यों को नियमों को पारित करने से पहले मसौदा नियमों को प्रचारित करना और टिप्पणियां मांगना आवश्यक है। केंद्र द्वारा राज्य नियमों को अंतिम रूप देने और अधिसूचित करने के बाद नए कोड प्रभावी होंगे
10 ट्रेड यूनियनों ने कॉर्पोरेट समर्थक और श्रमिक विरोधी होने के कारण इन कोडों का विरोध किया। इन यूनियनों ने कहा है कि औद्योगिक संबंध संहिता, जो श्रमिकों के विवादों के शीघ्र निवारण का प्रावधान करती है, 300 कर्मचारियों तक की संख्या वाली कंपनियों को कर्मचारियों की छंटनी से पहले राज्य सरकारों से अनुमति लेने से छूट देती है।
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