VOCAL FOR LOCAL : खुद को समृद्ध रखने का आसान तरीका
VOCAL FOR LOCAL : local brand और अपनी बनी चीजों को ही तरजीह
VOCAL FOR LOCAL : चीनी सामान का दूर-दूर तक नामो निशान नहीं
श्रीनगर/जालंधर। कश्मीर घूमने जाने के बारे में सोच कर ही व्यक्ति रोमांचित हो जाता है। जैसे ही आप नदियों-झीलों, बर्फ और पहाड़ों से लबरेज़ इस धरती पर पैर रखते हैं फिल्म ‘बेमिसाल’ का गीत “कितनी खूबसूरत ये तस्वीर है- ये कश्मीर है” सचमुच महसूस करवाता है कि आप देश-दुनिया की सबसे खूबसूरत जगह कश्मीर में हैं। स्वर्ग में हैं। आप मिनी स्विट्ज़रलैंड में हैं। कहीं भी, किसी और देखो दिलकश नज़ारे मिल जायेंगे।
स्थानीय लोग आप को नमस्ते बोल कर, हेलो कह कर स्वागत करते हैं। यूँ ही बात करते-करते आपको बता देंगे कि आप जितने दिन के लिए आये हैं उसमें किस तरह ट्रिप प्लान करना है। शाकाहारी खाना कहाँ मिलेगा या फिर किस- किस चीज से या कैसे लोगों से बच कर रहें। मौसम के हिसाब से कहाँ -कहाँ जाना बेहतर रहेगा। मेहमानों के लिए ऐसा ही आदर भाव आपको यूरोप में भी देखने को मिलता है। ऐसा शायद इसलिए भी है कि क्योंकि टूरिज्म से ज्यादातर लोगों की रोज़ी-रोटी चलती है।
VOCAL FOR LOCAL : कश्मीर शब्द संस्कृत से लिया गया
सबसे पहले जानते हैं कि कश्मीर नाम कैसे सामने आया। माना जाता है कि कश्मीर शब्द संस्कृत से लिया गया है और इसे पहले कश्मीरा कहा जाता था। एक और विश्वाश है कि यह नाम वैदिक ऋषि कश्यप के नाम से लिया गया है जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने इस भूमि में लोगों को बसाया था। मान्यता है, कश्मीर या तो कश्यप-मीर (कश्यप की झील) या कश्यप-मेरु (कश्यप का पर्वत) से निकला होगा।
इस शब्द का उल्लेख हिंदू देवी शारदा की पूजा करने वाले एक हिंदू धर्मग्रंथ मंत्र में भी मिलता है और इसका जिक्र कश्मीर की भूमि में रहने के लिए किया गया है, या जो शायद शारदा पीठ का संदर्भ हो सकता है।
VOCAL FOR LOCAL : कब और कैसे जाएँ
4-5 दिन का टूर है तो ही इस शहर की खूबसूरती देख पाएंगे। कश्मीर घूमने वैसे तो आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन तफ़री के लिए सबसे बेहतर समय है मार्च-अप्रैल। सबसे बड़ा कारण-इन दिनों में TULIP FLOWER SHOW चला रहा होता है। अगर आपने कभी सिलसिला मूवी का ‘ देखा एक ख्वाब तो यह सिलसिले हुए…दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए …. गीत देखा है तो ये शो ज़रूर देखें। आप कुछ देर के लिए नज़रें झपकाना भूल जाते हैं। इतने रंगों के फूल। झील। चारों तरफ से पहाड़ ने घेरा हुआ। एक बार तो उफ़्फ़ निकलता ही है।
VOCAL FOR LOCAL : बालिग लोगों की टिकट 75 रुपए
बात हो रही थी TULIP FLOWER SHOW की। बालिग लोगों की टिकट 75 रुपए है। बच्चों की थोड़ी कम है। पता नहीं क्यों विदेशियों की ज्यादा है। बहुत कुछ बेहतर हुआ है। बैठने के लिए जगह-जगह बेंच लग गए हैं। खाने पीने का सामान मिल जाता है। फोटोग्राफर घूमते हुए मिल जायेंगे। पारम्परिक कश्मीरी ड्रेस में फोटो खिंचवा सकते हैं।
लोग यहाँ फैमिली के साथ पिकनिक पर आते हैं। युवा रील बनाते भी दिख जायेंगे। पूरे शहर में विकास के काम ज़ोरों पर हैं तो आप को चलना पड़ सकता है। आरामदायक जूते लेकर जाना ही समझदारी है। यहाँ बाथरूम बहुत गंदे मिलेंगे शायद पर्यटकों की संख्या ज्यादा है इसलिए। ऐसी समस्या हो तो बाहर बैठे सफाई कर्मचारी से कहें।
जब मर्जी चले जाओ। सुबह-शाम को ठंड रहती है। गर्म कपड़े और शाल आदि साथ रखें। रेन कोट और छाता भी ज़रूरी चीजों में रखें। बच्चें साथ हैं तो उनके लिए स्वेटर वगैरह रख लें। खाने पीने की अतिरिक्त चीजें भी रखें। सूखे मेवे और चने। ऐसा इसलिए ताकि अगर आप कहीं फस गए हैं या आस पास कुछ खाने पीने की दुकान नहीं है तो दिक्कत नहीं आएगी। सेब -केले जैसे फल भी रखे जा सकते हैं। पानी की बोतल ज़रूर रखें।
कश्मीर/श्रीनगर के लिए बसें लगभग देश के हर शहर से मिल जाएँगी। ट्रेन से भी जा सकते हैं लेकिन सिर्फ जम्मू तवी तक। इसके बाद आपको बस पकड़नी पड़ेगी। ज्यादातर शहरों से अब श्रीनगर एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट्स भी मिल जाएँगी। वहां से डायरेक्ट टैक्सी बुक करके आप ट्रिप प्लान कर सकते हैं। आपको टैक्सी वालों से मोलभाव करना पड़ेगा। प्रतिदिन 1000-2500 तक भी ले लेते हैं।
VOCAL FOR LOCAL : बोर्ड लगे मिल जाएंगे-चारमीनार पेड़ों के शहर में खुशामदीद
सीधे-लम्बे और आकाश को छूने की कोशिश में लगे चारमीनार के दरख़्त बरबस ध्यान खींचते हैं। क्योंकि नदियों-झीलों, बर्फ और पहाड़ों की भूमि है तो पानी इन पेड़ों को प्राकृतिक रूप से मिलता रहता है। इससे इन पेड़ों की जवानी बनी रहती है।
शहर में सड़कों पर या फिर किसी मशहूर जगह पर बोर्ड लगे मिल जाएंगे-चारमीनार पेड़ों के शहर में खुशामदीद। क्योंकि पेड़ बहुत हैं तो जाहिर है लकड़ी भी बहुत है। ऐसे में यहाँ लकड़ी के सामन बनाने का काम बहुत है। सबसे पहले तो घर हैं लकड़ी के बने हुए। गिफ्ट आइटम्स बहुत हैं। नक्काशी किये हुए दरवाजे और ऐसी बहुत सी चीजें।
VOCAL FOR LOCAL : खुद की गाड़ी या फिर किराये पर
खुद की गाड़ी में गए हैं तो बेहतर है। जहाँ दिल करे रुकें, फोटो खींचे और सुस्ता सकते हैं। अगर सबसे पहले टैक्सी कर लें तो बेहतर रहेगा। वो प्रति दिन के हिसाब से पैसे लेते हैं। पैसे ट्रिप के अंत में ही दें। अकेले गए हैं तो दोपहिया वाहन भी किराये पर मिल जाते हैं। बुलेट या एक्टिवा या फिर साइकिल। बुलेट या एक्टिवा के पूरे दिन के लिए एक हज़ार से 1500 रुपये लेते हैं। साइकिल के पूरे दिन के लिए सिर्फ 10 रुपये। बसें भी चलती हैं पर उनमें समय लगता है।
VOCAL FOR LOCAL : No to मोमोज़ जैसे चाइनीस पकवान
लोकल खाना और पकौड़े वगरैह हर जगह मिल जायेंगे पर मोमोज़ जैसे चाइनीस पकवान एक-दो दुकानों पर ही मिलेंगे। वैसे तो देश के हर राज्य का खाना मिल जायेगा। थोड़ा ढूंढना पड़ेगा या फिर लोकल लोगों की मदद लेनी पड़ेगी। खाना हर जगह महंगा है। एक बात नोट करने वाली है। आप बस में हैं या फिर हवाई जहाज में, आपको सड़क के दोनों ओर खेतों में सरसों के खेत लेहलाते मिल जायेंगे। ठंडा इलाका है और लोग मांसाहारी हैं तो वे ज्यादातर पकवान सरसों के तेल में पकाते हैं। सरसों के तेल का इंतज़ाम हैं ये पीले फूलों से लदे खेत।
VOCAL FOR LOCAL : प्राकृतिक बाग हर तरफ
झेलम नदी के रूट पर स्थित श्रीनगर बेहद ही खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस है। श्रीनगर को प्राकृतिक उद्यानों, खूबसूरत झीलों और हस्तशिल्प के लिए जाना जाता है। बर्फ से ढका श्रीनगर सर्दियों में बेहद ही खूबसूरत और गर्मियों में बेहद हरा-भरा दिखता है। अगर आप सर्दियों के मौसम में ठंडी हवा का मजा लेना चाहते हैं, तो इस मौसम में श्रीनगर जरूर घूमने जाएं।
साथ ही, गर्मियों के दौरान आप शिकारा और घुड़सवारी का भी आनंद उठा सकते हैं। कुछ लोग शाम और सुबह के वक़्त आपको मछलियां पकड़ते भी मिल जायेंगे। झील के चारों ओर बैठने के लिए बेंच और
सीमेंट की जगह बनी है। यहाँ बैठें और ठंडी हवा का लुत्फ़ लें। कश्मीरी लोग खूबसूरत हैं। क्योंकि चलते बहुत हैं तो मोटापे से अभी तक तो बहुत दूर हैं।
VOCAL FOR LOCAL : 7000 के करीब शिकारे और बोट
पहला स्पॉट जो है वो डल झील ही है। ये श्रीनगर की रौनक है। ये झील 26 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है, जो देखने में किसी स्वर्ग से कम नहीं लगती। ये एक जगह झेलम में मिल जाती है और फिर आगे जाकर कश्मीर की नदी वेलूर में। डल झील सुंदर हरे-भरे पहाड़ों के बीच में मौजूद है और यहां शिकारा, नाव की बोटिंग, हाउस बोट और झील के आसपास मौजूद बाजार जैसी सुविधाएं पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती हैं।
चाय, कॉफ़ी, कपड़े, पनीर टिक्का, फ्रूट चाट क्या नहीं है इन डोलते शिकारों या बोट में। इनका रेट ज्यादा है तो मोल भाव पहले से ही कर लें। डल झील में हाउस बोट चलने का विचार अंग्रेजों का था। आपको देखने पर लगेगा सारा शहर ही पानी पर तैर रहा है।
डल झील में शिकारा, नाव की बोटिंग, हाउस बोट आदी में बैठने के लिए जगह -जगह गेट हैं जिनकी संख्या 20है। आप अकेले हैं और आपको बोटिंग आती है तो कहने ही क्या। छोटी नाव किराये पर लें और निकल जाएँ एक ऐसे दुनिया में जिसकी आपने कभी सिर्फ कल्पना की थी।
ये शिकारे बहुत ही आरामदायक हैं। आप बैठे और बात करें उस नाविक से जिसे शहर के बारे में छोटी -छोटी बातें पता हैं। उन्हें लोगों में बदलाव की खबर है। उन्होंने वो दौर देखा है जब बॉलीवुड की कई फ़िल्में यहाँ शूट हुईं। शशि कपूर और नंदा की ‘जब जब फूल खिले’ फिल्म याद है ना। परदेसियों से न अँखियाँ मिलाना …आस-पास के लोग कहते हैं -तब शशि कपूर और नंदा यहाँ काफी समय रहे ताकि वो हाउस बोट के जीवन को समझ सकें। इस तरह डल झील देखने वालों का ताँता लग गया और पैसों की बहार आ गई।
VOCAL FOR LOCAL: ‘मिशन-कश्मीर’ की शूटिंग
रितिक रोशन और प्रीति ज़िंटा स्टारर मूवी ‘मिशन-कश्मीर’ की शूटिंग की जगह आप देख सकते हैं। नेहरू पॉइंट झील के बीचो-बीच है जहाँ भूमरो-भूमरो गीत फिल्माया गया था। यहीं से आप शंकर आचार्य का मंदिर देख सकते हैं। लोकल लोग बताते हैं, संजय दत्त जैसे कई कलाकार अभी भी आते हैं और कई शामें इन बोट हाउस में बिता कर चले जाते हैं। शंकर आचार्य का मंदिर भी देखा जा सकता है।
शंकराचार्य मंदिर
कश्मीर घाटी का सबसे पुराना और जाना माना मंदिर है। पर्यटक जब श्रीनगर आते हैं, तो शंकराचार्य मंदिर में दर्शन करने के लिए भी जरूर जाते हैं। ये मंदिर 1100 फीट ऊपर एक पहाड़ी चोटी पर स्थापित है। दूर से ही दिन हो या रात, इस मंदिर पर आपका ध्यान खुद ब खुद चला जाता है। ‘मिशन-कश्मीर’ की शूटिंग में इसी मंदिर को प्रयोग में लाया गया गया था। शंकराचार्य मंदिर को मुख्यरूप से उसके अंदर रखें फारसी शास्त्र के लिए जाना जाता है।
VOCAL FOR LOCAL : मुगल गार्डन
मुगल गार्डन, श्रीनगर के सबसे लोकप्रिय और सबसे अधिक देखा जाने वाले टूरिस्ट प्लेस में से है। मुगल काल के दौरान मुगलों ने कई प्रकार के उद्यानों का निर्माण किया था, जिन्हें मुगल गार्डन कहा जाता है। यहां के हर-भरे सुगंधित फूल दिल खुश कर देते हैं। श्रीनगर में मुगल गार्डन में निशात बाग, शालीमार बाग, चश्मे शाही, परी महल, अचबल और वेरीनाग गार्डन शामिल हैं। मुगल गार्डन में आप फारसी वास्तुकला का प्रभाव देख सकते हैं। सुकून चाहिए तो कुछ देर बैठें और प्रकृति को, उसकी नियामतों को निहारें। शुक्रिया करें जो भी आपको बिना पैसे के मिला है।
VOCAL FOR LOCAL : मीठे पानी की वेलूर झील
वेलूर झील एशिया के सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों में आती है। वेलूर झील जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा जिले में स्थित है। जब इस झील में पानी बढ़ता है, तो यहां पर्यटक वॉटर स्पोट्र्स, वॉटर स्कींग जैसे एक्टीविटीज भी करने आते हैं। ये झील स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा पिकनिक स्पॉट भी है। स्कूल और कॉलेज में छुट्टियां होते ही यहाँ घूमने आने वालों की भीड़ लग जाती है। लोग आते जाते लोकल मार्किट से सामान खरीदते दिख जायेंगे। (TO BE CONTINUED)
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