रांची। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ करने के लिए शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर पहुंचे।
48 वर्षीय सोरेन सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। सोरेन पहले ईडी के सात समन में शामिल नहीं हुए थे। जांच एजेंसी द्वारा आठवीं बार बुलाए जाने के बाद आखिरकार उन्होंने अपनी सहमति दे दी। ईडी के अधिकारी दोपहर करीब एक बजे सोरेन के आवास पर पहुंचे थे।
ईडी अधिकारियों की सुरक्षा का जिम्मा संभाले सीआईएसएफ सोरेन के आवास के आसपास की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए हाई-रिज़ॉल्यूशन वाले बॉडी कैमरों का उपयोग कर रहा है। निर्धारित पूछताछ से पहले यहां मुख्यमंत्री आवास और प्रवर्तन निदेशालय के जोनल कार्यालय के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ईडी दफ्तर और सीएम आवास के बाहर बैरिकेडिंग की गई।
रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने बताया, 1,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। तीन स्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि रांची प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए जांच एजेंसी के कार्यालय और सीएम हाउस के आसपास कड़े प्रबंध किए हैं।
अधिकारी ने कहा, पूछताछ खत्म होने तक सीएम आवास के पास यातायात की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा।
रांची एसएसपी, सिटी एसपी और सदर डीएसपी सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। सीएम आवास के पास वाटर कैनन और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तैनात की गई हैं। आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सीएम हाउस के आसपास तीन जगहों पर बैरिकेडिंग और हर चौक पर सुरक्षा बलों को लगाया गया है।
एजेंसी ने 13 जनवरी को एक पत्र भेजकर मुख्यमंत्री को 16 जनवरी से 20 जनवरी के बीच मामले में पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने को कहा था। जवाब में सोरेन ने ईडी को बताया कि वह 20 जनवरी को अपने आवास पर अपना बयान दर्ज करा सकते हैं।
ईडी के अनुसार, जांच झारखंड में “माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध परिवर्तन के एक बड़े रैकेट” से संबंधित है।