जालंधर। कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जालंधर से कांग्रेस MP उम्मीदवार हो सकते हैं। वह पंजाब के पहले दलित सिख मुख्यमंत्री भी रहे हैं।
सितंबर 2021 में उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। राजनीति के जानकारों का कहना है कि पंजाब की आबादी का एक बड़ा हिस्सा दलित समुदाय का है जो प्रान्त की पॉलिटिक्स में अहम रोल अदा करता है।
चन्नी दलित नेता के तौर पर पंजाब में एक अहम स्थान रखते हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी में अंदरखाते उनके नाम पर चर्चा चल रही है। हो सकता है कि कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पंजाब आगमन के दौरान इस बात की पुष्टि कर दें।
2021 में उन्होंने जब कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री का पद संभाला था तब भी वो जालंधर सचखंड बल्लां डेरे आए थे और लोगों का धन्यवाद किया था। इस डेरे से जुड़े लोग अगर उनका हाथ पकड़ते हैं तो चन्नी के लिए राह आसान हो जाएगी।
इसके अलावा पंजाब में इंडिया गठबंधन को लेकर चल रहे विरोध पर पूर्णविराम लगाना भी कांग्रेस हाईकमान का मुख्य मकसद रहेगा। प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी-खींचतान से पार्टी हाईकमान बखूबी परिचित है। पंजाब दौरे पर बाकी मुद्दों का समाधान निकालने के साथ इस पर भी मंथन होगा कि टिकटों के लिए चेहरों का चुनाव कैसे होगा।
सूत्रों की मानें तो पार्टी हाईकमान पंजाब में इंडिया गठबंधन के चुनाव लड़ना चाहता है, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष सहित प्रदेश इकाई के अन्य वरिष्ठ नेता गठबंधन को लेकर तैयार नहीं हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 11 फरवरी को चंडीगढ़ स्थित पंजाब कांग्रेस भवन में प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, प्रभारी देवेंद्र यादव और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे।