Silk Mark Expo 2024 -सिल्क इनोवेशन का प्रदर्शन, रेशम की खेती के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना मुख्य उद्देश्य
चंडीगढ़, 4 दिसंबर Silk Mark Expo 2024-बागवानी मंत्री महिंदर भगत ने किसान भवन में सिल्क मार्क एक्सपो-2024 /Silk Mark Expo 2024 का उद्घाटन किया। सिल्क मार्क ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया, सेंट्रल सिल्क बोर्ड द्वारा पंजाब और हरियाणा के बागवानी विभागों के सहयोग से किया गया यह पहला समागम है। मंत्री ने इस अवसर पर ब्रोशर भी जारी किया।
मंत्री महिंदर भगत ने बताया कि राज्य में गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर और रोपड़ के चार जिलों में रेशम का उत्पादन होता है। राज्य में 13 सरकारी सेरिकल्चर फार्म हैं, जहां तकनीकी कर्मचारियों की सहायता से रेशम के कीड़ों का पालन किया जाता है।
मंत्री ने कहा, “पंजाब में कोकून की कीमत 550 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 1,250 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है, जो सरकारी प्रयासों के चलते संभव हुआ है। सरकार रेशम किसानों, विशेष रूप से इस क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं को उचित मुआवजा सुनिश्चित कर रही है। राज्य ग्रामीण समुदायों को सशक्त करने के लिए इस क्षेत्र के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने कहा कि राज्य ने अपने रेशम खेती के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार किया है, जिससे कोकून का उत्पादन सालाना 29,000 किलोग्राम तक पहुंच गया है। ‘पंजाब सिल्क’ ब्रांड को लॉन्च करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सिल्क रीलींग यूनिट स्थापित करने की योजनाएं चल रही हैं।
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र को और प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को रेशम के कीड़ों के पालन के लिए शेड्स, आवश्यक उपकरण आदि पर 65 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि रेशम खेती करने वाले किसानों में 60 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं।
Silk Mark Expo 2024-डलहौजी सिल्क सीड प्रोडक्शन सेंटर फिर से सक्रिय
मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने राज्य स्तर पर रेशम बीज उत्पादन को सक्षम बनाने और रेशम किसानों को यह बीज किफायती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए डलहौजी में बंद पड़े सिल्क सीड प्रोडक्शन सेंटर को फिर से सक्रिय कर दिया है।
संबोधित करते हुए बागवानी विभाग के सचिव अजीत बालाजी जोशी ने रेशम किसानों और कारीगरों की आजीविका बढ़ाने में सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर किया। उन्होंने कहा कि सिल्क एक्सपो जैसी पहल रेशम उद्योग को प्रोत्साहित करने और राज्य में रेशम व्यापार से जुड़ी महिलाओं के लिए स्थायी अवसर पैदा करने का लक्ष्य रखती है।
केंद्रीय रेशम बोर्ड के सदस्य सचिव पी. शिवकुमार ने राज्य में रेशम खेती की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए बोर्ड के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
इस मौके पर बागवानी विभाग के निदेशक श्रीमती शैलेंद्र कौर ने रेशम कृषि में राज्य की तरक्की व सरकारी पहलों और सहायता के माध्यम से किसानों को सक्षम बनाने में इसकी भूमिका के बारे में बताया।
समागम दौरान, बागवानी क्षेत्र की उपलब्धियों और योजनाओं पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रस्तुत की गई।
समागम से पहले मंत्री महिंदर भगत ने विभिन्न राज्यों के स्टालों का दौरा किया।
9 दिसंबर तक चलेने वाले इस एक्सपो में पंजाब, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों के कारीगरों और व्यापारियों की ओर से स्टाल लगाए गए।
इस कार्यक्रम के दौरान विभाग प्रमुख (विशेष) बागवानी हरियाणा डॉ. अर्जुन सिंह सैनी, संयुक्त निदेशक पंजाब बागवानी डॉ. तजिंदर सिंह बाजवा, वैज्ञानिक केंद्रीय रेशम बोर्ड (सी.एस.बी.) एन.एस. गहीलोत, उप सचिव सी.एस.बी. दसरथी बेहेरा, डीडीएच-कम-नोडल अधिकारी पंजाब सेरीकल्चर डॉ. दलबीर सिंह, डिप्टी निदेशक पंजाब बागवानी डॉ. हरप्रीत सिंह सेठी, डीडीएच-कम-सेरीकल्चर अधिकारी सुजानपुर डॉ. शम्मी कुमार, ए.डी.एच.-कम-सेरीकल्चर अधिकारी मुकेरियां डॉ. बलविंदर सिंह, सेरीकल्चर मैनेजर अवतार सिंह, सहायक स. नोडल अधिकारी सेरीकल्चर श्रीमती मीनू और बागवानी विकास अधिकारी डॉ. लखबीर सिंह शामिल थे।