Stubble Burning : अठोला सहित कई गाँवों के लोगों से मिले, पराली जलाने के नुकसान बताए
Stubble Burning awareness : बिमल प्रसाद पटवारी भी साथ थे
जालंधर। Stubble Burning/पराली जलाने पर अंकुश लगाने के प्रयास में, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जहाँ सख्त कार्रवाई की है, दूसरी तरफ सीएम भगवंत मान द्वारा किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करने की मुहिम भी छेड़ी गई है।
इसके लिए शहर के रेवेन्यू अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई जो रोज़ अलग-अलग गॉंवों में जाकर लोगों को खासकर किसानों को पराली जलाने के नुकसान बता रहे हैं।
इसी कड़ी के तहत आज तहसीलदार राम चंद, कानूनगो नरेश कुमार और बिमल प्रसाद पटवारी अठोला, खैहरा माझा, तलवाड़ा, हेलर, हीरापुर, चक हमजा आदि गांवों में गए और किसानों को मिल कर उन्हें अवेयर किया। लोगों को पराली जलाने से सेहत और पर्यावरण को हो रहे नुकसान के बारे विस्तृत रूप से बताया गया।
आँखों में जलन की भी दिक्कत : तहसीलदार राम चंद
तहसीलदार राम चंद ने किसानों से कहा, पराली जलाने से सांस की बीमारियां बढ़ रहीं वहीँ आँखों में जलन की भी दिक्कत आती है। पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए भी पराली को जलाना बंद करना होगा।
पराली जलाने से जमीन की उपजाऊ शक्ति ख़त्म हो रही : Naresh Kumar
कानूनगो नरेश कुमार ने किसानों से कहा, पराली जलाने से जमीन की उपजाऊ शक्ति ख़त्म हो रही है। फसलों का झाड़ कम हो गया है। अगर हम ऐसा ही करते रहे तो आने वाली पुश्तें हमें माफ़ नहीं करेंगी।
बिमल प्रसाद पटवारी ने लोगों को कहा कि सरकार ने पराली न जलाने को लेकर दिशा निर्देश भी जारी किये हैं और कहना न मानने वालों पर एक्शन भी लिया जा रहा है। जुर्माना किया जा रहा है। केस भी दर्ज हो सकता है।
अब तक पराली जलाने की 199 घटनाएं दर्ज
मालूम हो कि राज्य भर में अब तक पराली जलाने की 199 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिसके बाद अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की।
अध्ययन के अनुसार, शिकायत मिलने पर फील्ड टीम ने व्यक्तिगत रूप से 107 साइटों का दौरा किया और उचित कार्रवाई की।
सरकार ने 52 मामलों में 1.5 लाख रुपये का पर्यावरण जुर्माना भी लगाया है। अब तक 30 रेड एंट्री की जा चुकी हैं और मंगलवार शाम तक राज्य में किसानों के खिलाफ पांच एफआईआर दर्ज की गईं।
“कार्रवाई में भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) के तहत दर्ज की गई पांच एफआईआर शामिल हैं, 52 मामलों में 1.50 लाख रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया गया है और राजस्व रिकॉर्ड में 30 लाल प्रविष्टियां शामिल हैं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों पर फसल अवशेष जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध के निर्देशों का उल्लंघन करने की शिकायतें आ रही हैं।