Farmers’ 3 घंटे की बैठक के दौरान सरकार ने किसानों की भलाई सुनिश्चित करने का विश्वास
चंडीगढ़, 5 अक्तूबर. Farmers : आज मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार और Farmers संगठनों के प्रतिनिधियों ने तीन घंटे चली अहम बैठक के दौरान राज्य के बड़े हितों को प्राथमिकता देते हुए लगभग सभी संवेदनशील मुद्दों पर आम सहमति बनाई। पंजाब सरकार ने किसान नेताओं को भरोसा दिलाया कि उनकी कई मांगें पहले ही लागू की जा चुकी हैं और बाकी बची जायज़ मांगों को पूरा करने के लिए कार्रवाई की जा रही है।
पंजाब भवन में सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के विशेष मुख्य सचिव वी.के. सिंह, विशेष मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा, अतिरिक्त मुख्य सचिव तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव,खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विकास गर्ग, प्रशासनिक सचिव विज्ञान, तकनीक और पर्यावरण प्रियांक भारती, प्रशासनिक सचिव ग्रामीण विकास और पंचायत दिलराज सिंह संधावालिया, एडीजीपी इंटेलिजेंस आर.के. जैसवाल, पीएसपीसीएल के चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर बलदेव सिंह सरां और कृषि व पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
Farmers’ यूनियन का प्रतिनिधित्व सरवन सिंह पंधेर, काका सिंह कोटड़ा, सुरजीत सिंह फुल, जसविंदर सिंह लोंगोवाल, सतनाम सिंह साहनी, गुरविंदर सिंह भंगू, सुखजीत सिंह हरदो झंडे, हरप्रीत सिंह सिधवां, रणजीत सिंह कलेर बाला, कंवरदलीप सैदोलेहल, कंधार सिंह भोएवाल आदि नेताओं ने किया।
किसान संघर्षों के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवार के सदस्यों को नौकरी देने का मुद्दा मुख्य रूप से विचार किया गया। पंजाब सरकार ने किसान नेताओं को भरोसा दिलाया कि ऐसे 856 किसानों में से लगभग 99 प्रतिशत परिवारों को पहले ही सरकारी नौकरी और सहायता प्रदान की जा चुकी है, बाकी बचे मामलों पर कार्रवाई चल रही है और उन्हें जल्द ही पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
धान की खरीद संबंधी आश्वासन दिया गया कि पंजाब सरकार हर दाने की खरीद सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संबंध में आढ़तियों और राइस मिल मालिकों के साथ मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत जारी है। गन्ना मिलों द्वारा किसानों को बकाया भुगतान के मामले पर अधिकारियों ने पुष्टि की कि फगवाड़ा गन्ना मिल को छोड़कर बाकी सभी भुगतान कर दिए गए हैं और यह भी आश्वासन दिया गया कि शेष भुगतान भी जल्द ही कर दिए जाएंगे।
बैठक के दौरान बताया गया कि आवारा पशुओं के मुद्दे को सरकार जल्द ही हल करने जा रही है, और इस समस्या से व्यापक रूप से निपटने के लिए एक समिति बनाई जा रही है।
स्मार्ट बिजली मीटरों से संबंधित चिंताओं को भी दूर करते हुए पंजाब सरकार ने बिजली विभाग के निजीकरण से जुड़े किसानों की आशंकाओं को खारिज किया। पंजाब सरकार ने स्पष्ट किया कि बिजली विभाग के निजीकरण से संबंधित कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है और न ही ऐसी कोई योजना पाइपलाइन में है।